Big fraud in allocation of concessional coal in Jharkhand
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झारखंड में रियायती कोयले के आवंटन में बड़ा फर्जीवाड़ा, 142 कंपनियों का कोल लिंकेज रद्द

Big fraud in allocation of concessional coal in Jharkhand

Big fraud in allocation of concessional coal in Jharkhand

Big fraud in allocation of concessional coal in Jharkhand- एमएसएमई (मध्यम एवं लघु उद्योग) कंपनियों के लिए रियायती दर पर आवंटित किया जाने कोयला खुले बाजार में बेच डालने के बड़े फजीर्वाड़े का खुलासा हुआ है। इसके बाद झारखंड सरकार के माइंस डिपार्टमेंट ने 142 कंपनियों का कोल लिंकेज रद्द कर दिया है। कोल लिंकेज की पॉलिसी केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में लागू की थी, जिसके तहत मीडियम और स्मॉल लेवल की कंपनियों को उनकी जरूरतों के अनुसार रियायती कोयला उपलब्ध कराया जाता है।

ईडी ने बीते 3 मार्च को झारखंड के हजारीबाग में कोयला कारोबारी इजहार अंसारी के ठिकानों पर छापामारी की थी। इस दौरान पाया गया था कि उसने कम से कम 13 शेल कंपनियों के नाम पर कोल लिंकेज हासिल कर रखे थे और इनके नाम पर अलॉट किया जाने वाला कोयला खुले बाजार में बेच डालता था। कुछ फैक्ट्रियां कई सालों से बंद पड़ी थी लेकिन उसके नाम पर रियायती कोयला उठाया जा रहा था।

ईडी ने जांच में पाया है कि कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की शेल कंपनियों को कोल लिंकेज दिलाने में झारखंड की पूर्व खान सचिव पूजा सिंघल के पति का सीए सुमन कुमार बिचौलिए की भूमिका निभाता था। पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर पिछले साल ईडी की छापामारी के दौरान सुमन कुमार के यहां से लगभग 18 करोड़ नगद बरामद किए गए थे।

अभी दो दिन पहले हजारीबाग पुलिस ने कोल लिंकेज का गलत इस्तेमाल कर रियायती कोयला मंडियों में खपाने के आरोप में एक बड़े कोल व्यवसायी अभय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। हजारीबाग के डेमोटांड़ में अभय सिंह की आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों के लिए आवंटित कोल लिंकेज का कोयला फैक्ट्री में उपयोग में न लाकर, महंगे दामों पर बाजार में बेच दिया जाता था। उनकी फैक्ट्री से भारी मात्रा में डंप कोयला भी पाया गया।

इस तरह के मामले सामने आने के बाद माइंस डिपार्टमेंट ने 142 कंपनियों का कोल लिंकेज रद्द किया है। बताया जा रहा है कि इन 142 कंपनियों में कई फर्जी हैं और केवल कागजों पर चलाई जा रही थीं। इन्हें कोल इंडिया की झारखंड में स्थित अनुषंगी कंपनियों बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल के जरिए कोल लिंकेज उपलब्ध कराया जाता था।

 

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